Mehandipur Balaji Story in Hindi

 Mehandipur Balaji Story in Hindi: भारत  में आज भी ऐसे कई मंदिर है जो रहस्यों से भरे हुए है हर मंदिर की अपनी एक कहानी और महत्व है। इन्ही मंदिरो में से एक मंदिर है मेहंदीपुर बालाजी। राजस्थान के डोसा जिले के पास दो पहाड़ियों के बिच मेहंदीपुर बालाजी का मंदिर बसा हुआ है। मेहंदीपुर बालाजी हनुमान जी को समर्पित एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है। यहाँ मनोकामनाओं के लिए देश विदेश से अनेक श्रद्धालु आते है। आपको बतादे ये मंदिर प्रेत बाधाओं से पीड़ित लोगो के लिए किसी वरदान से कम नहीं माना जाता। बालाजी की कृपा से यहाँ के लोगो को प्रेत बाधा से मुक्ति मिलती है। क्या आपको मालुम है इस मंदिर में श्री हनुमान जी विराजमान क्यों हुए कब हुए और कैसे हुए। चलिए इस कहानी में हम मेहंदीपुर बालाजी का पूरा इतिहास जानते है। DELHI TOMEHANDIPUR BALAJI TRAIN

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Mehandipur Balaji Temple Story in Hindi

शुरुवात में यहाँ घोर घना जंगल हुआ करता था चारो तरफ फैली घनी झाड़ियों में जंगली झाड़ियों में जंगली जानवरो का बसेरा हुआ करता था। महंत जी महाराज के पूर्वजो को एक सपना आया और सपने की अवस्था में ही वह चल दिए और चलते चलते घने जंगल के पहाड़ियों के बिच जा पहुंचे और इसी दौरान उन्होंने एक विचित्र लीला देखी। Teddy Bear Story in Hindi

 एक तरफ से हज़ारो दीपक जलते हुए रहे थे हाथी और घोड़ो की आवाज रही थी साथ ही एक बड़ी फौज चली रही थी। उस फौज ने बालाजी महाराज की तीन प्रक्रिमा करके हाथ जोड़कर प्रणाम किया और उस फौज के प्रधान ने निचे उतारकर बालाजी महाराज को दंडवत प्रणाम किया और इसके साथ ही जिस रास्ते से वह सभी आये थे उसी रास्ते से वापस चले गए। 

 गोसाई महाराज ये सब देखकर आश्चर्यचकित हो गए और ये सब देखर दर गए और अपने गॉव की ओर भागते हुए चले गए और घर पहुंचते ही डर के कारण वह सो गए लेकिन उनको नींद नहीं आयी और बार बार वह दृश्य उनके दिमाग में आता रहा जैसे ही उनकी आँख लगी उन्हें सपने में तीन मुर्तिया दिखाई दी और उनके कान में आवाज आयी उठो और मेरी सेवा का भर ग्रहण करो में अपनी लीलाओ का विस्तार करूँगा। इस बात को सपना समझकर गोसाई महाराज ने इस बात पर ध्यान नहीं दिया।

Mehandipur Balaji Rajasthan Story In Hindi

लेकिन कुछ दिन गुजरने के बाद स्वयं हनुमान जी ने उन्हें दर्शन दिया और पूजा करने का आग्रह किया ठीक अगले दिन गोसाई महाराज उस जंगल को पार करते हुए उस मूर्ती के पास पहुंचे तो उन्हें एहसास हुआ की चारो ओर से घंटा घड़ियाल और नगाड़ो की आवाज रही है लेकिन दिखाई कुछ नहीं दिया।

 इसके बाद गोसाई महाराज ने आसपास के लोगो को इकठ्ठा किया और साड़ी बाते बताई और उनकी बाते सुनकर आस पास के लोगो ने गोसाई महाराज का साथ देने का वादा किया और उस जगह पर साफ़ सफाई का काम चालू किया गया और सभी लोगो के योगदान के साथ उस जगह पर बालाजी महाराज का एक छोटा सा मंदिर बनाया गया और इसके बाद वह पूजा अर्चना होने लगी इस प्रकार राजस्थान के मेहंदीपुर बालाजी मंदिर की स्थापना की गयी।

 यह बालाजी का मंदिर भूत प्रेत ऊपरी बाधाओं के निवारण के लिए पूरे विश्व में प्रसिद्ध है मान्यता है की तंत्र मंत्र ऊपरी शक्तियों से ग्रषित व्यक्ति भी श्री बालाजी महाराज की कृपा से बिना दवा खाये स्वस्थ होकर घर लौटते है।

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