Draupadi Murmu Biography in Hindi - भारत की पहली आदिवासी राष्ट्रपति की संघर्षगाथा

Draupadi Murmu Biography in Hindiद्रौपदी मुर्मू सिर्फ भारत की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति हैं, बल्कि वह पहली राष्ट्रपति भी हैं जो स्वतंत्र भारत में पैदा हुईं। उनका जीवन गरीबी, दुखों और हार मानने की जिद का प्रतीक है। आइए जानें"राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की जीवनी" और उनसे जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य।

Draupadi Murmu Biography in Hindi

Rashtrapati Draupadi Murmu Biography in Hindi

द्रौपदी मुर्मू का प्रारंभिक जीवन (Draupadi Murmu Early Life)

जन्म और परिवार (Birth & Family)

शिक्षा (Draupadi Murmu Education Qualification)

  • प्रारंभिक शिक्षा: गाँव के स्कूल से।
  • स्नातक: भुवनेश्वर के रमादेवी महिला महाविद्यालय से।
  • करियर की शुरुआत: शिक्षक के रूप में (श्री अरबिंदो इंटीग्रल एजुकेशन सेंटर, रायरंगपुर)

पति और बेटों को खोना (Draupadi Murmu Family Tragedy)

द्रौपदी मुर्मू के जीवन में दुखों का सिलसिला:

1.     2009: बड़े बेटे लक्ष्मण मुर्मू की रहस्यमय मौत (नींद में ही चल बसे)

2.     2013: छोटे बेटे की सड़क दुर्घटना में मृत्यु।

3.     2014: पति श्याम चरण मुर्मू का हार्ट अटैक से निधन (बैंक कर्मचारी थे)

इसके बाद, उनके परिवार में सिर्फ बेटी इत्तिश्री मुर्मू (बैंक में नौकरी) बचीं। द्रौपदी ने इन मुश्किलों को ध्यान (मेडिटेशन) और ब्रह्माकुमारी संस्थान की शिक्षाओं से पार किया।

राजनीतिक सफर (Draupadi Murmu Political Journey)

शुरुआत (1997-2004)

  • 1997: भाजपा से जुड़कर राजनीति में प्रवेश।
  • पहली जीत: रायरंगपुर पंचायत से पार्षद बनीं।
  • 2000-2004: ओडिशा सरकार में मंत्री (क्रमशः परिवहन और मत्स्य पालन विभाग)

झारखंड की राज्यपाल (2015-2021)

  • निष्पक्षता से काम किया।
  • आदिवासी अधिकारों के लिए आवाज उठाई।

राष्ट्रपति बनने तक का सफर (2022)

द्रौपदी मुर्मू से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य (President Draupadi Murmu Biodata)

विषय

जानकारी

जन्म तिथि

20 जून 1958

जन्म स्थान

मयूरभंज, ओडिशा

शिक्षा

बीए (कला स्नातक)

पति

श्याम चरण मुर्मू (निधन: 2014)

बच्चे

2 बेटे (लक्ष्मण, नाम अज्ञात) और 1 बेटी (इत्तिश्री)

धर्म

संथाल आदिवासी (हिंदू परंपराओं का पालन)

राजनीतिक पार्टी

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)

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5 सबक: द्रौपदी मुर्मू के जीवन से सीखें

1.     मुश्किलों से लड़ाई: गरीबी और मौतों के बाद भी हार नहीं मानी।

2.     ध्यान और आध्यात्मिकता: ब्रह्माकुमारी संस्थान से मानसिक शक्ति पाई।

3.     निष्पक्ष निर्णय: झारखंड में राज्यपाल रहते हुए सभी पक्षों को सुना।

4.     आदिवासी समाज का गौरव: उनकी सफलता से आदिवासी युवाओं को प्रेरणा मिली।

5.     सादगी और ईमानदारी: राजनीति में भ्रष्टाचार से दूर रहीं।

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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

Q: द्रौपदी मुर्मू की बेटी का क्या नाम है?
A:
इत्तिश्री मुर्मू (बैंक में काम करती हैं)

Q: द्रौपदी मुर्मू के पति कौन थे?
A:
श्याम चरण मुर्मू (बैंक कर्मचारी, 2014 में निधन)

Q: द्रौपदी मुर्मू का जन्म कहाँ हुआ?
A:
ओडिशा के मयूरभंज जिले के एक गाँव में।

Q: क्या द्रौपदी मुर्मू शिक्षक थीं?
A:
हाँ, उन्होंने श्री अरबिंदो स्कूल में पढ़ाया।

निष्कर्ष: गरीबी से राष्ट्रपति भवन तक का सफर

द्रौपदी मुर्मू की कहानी साबित करती है कि "इरादे मजबूत हों, तो मुश्किलें रास्ता नहीं रोक सकतीं" वह सिर्फ आदिवासी समाज, बल्कि हर महिला के लिए प्रेरणा हैं। आपको सभी की हमारी राष्ट्रपति की यह "Draupadi Murmu Biography in Hindi" कहानी कैसी लगी हमें कमेंट करके बताये और अपने दोस्तों के साथ शेयर करें। 
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