D Gukesh biography in hindi

D Gukesh biography in hindi: बच्चों से अक्सर पूछा जाता है की वो बड़े होकर क्या बनना चाहते है, ऐसे ही चेन्नई के 11 साल के लड़के से इंटरव्यू में एक सवाल पूछा गया की की वो बड़े होकर क्या बनना चाहते है तो लड़के ने बोला में CHESS GAME का WORLD CHAMPION बनना चाहता हूँ। आज से सात साल पहले किया गया वादा आज चेन्नई के D GUKESH ने पूरा किया है और सिर्फ 18 साल की उम्र में भारत के D GUKESH दुनिया के सबसे YONGEST CHESS WORLD CHAMPION बन गए है।

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D GUKESH के इस रोमांचक मुक़ाबले को लोग टक टकी लगा कर देख रहे थे इन्होने 11 साल की उम्र में यह ठान लिया था की उन्हें क्या करना है सोचिये इनकी ट्रेनिंग कैसे शुरू हुई होगी D GUKESH को CHESS GAME से इतना लगाव हो गया की YONGEST CHESS WORLD CHAMPION अपने आशुओ को रोक नहीं पाए। आज हम आपको बतायंगे D GUKESH की सफलता से ज्यादा उनकी जिंदगी में आये उतार चढ़ाव की कहानी, कैसे और किसने उन्हें यहाँ इस मुकाम तक पहुंचाया की आज D GUKESH भारत के YONGEST CHESS WORLD CHAMPION बने और भारत का नाम इतिहास के स्वर्ण पन्नो में लिख दिया है।

 D GUKESH के जीवन से जुडी कहानी जानने से पहले आपको बतादे 3 हफ्तों की कड़ी मेहनत एक के बाद लगातार 14 CHESS GAME और आखिरी GAME के 58वें चाल जिसमे भारत के D GUKESH ने बाजी अपने नाम की और Ding Liren को हरा दिया

D Gukesh Biography  

D GUKESH को पूरा नाम Dommaraju Gukesh है, इनका जन्म चेन्नई में 29 मई 2006 को हुआ। D GUKESH के पिता का नाम Rajinikanth है पेशे से इनके पिता एक सर्जन है साथ ही D GUKESH की माता Dr. Padmakumari एक microbiologist है। आपको जानकार हैरानी होगी तेलगु परिवार के D GUKESH के माता पिता का CHESS GAME से कोई लेना देना था ही नहीं GUKESH का इतना लगाव CHESS GAME से कैसे हो गया इसके पीछे इनके पिता का भी काफी बड़ा संघर्ष है।

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D GUKESH ने सतरंज के इस सफर की शुरुवात अनौपचारिक तौर से अपने घर में की थी, इन्होने घर में ही इस खेल के बुनियादी दाव पेंच सीखे।  पिता काम में व्यस्त रहते थे और D GUKESH अपने पिता का बेसर्ब्री से इन्तजार किया करते थे। GUKESH के पिता ने इनको व्यस्त रखने के लिए स्कूल के बाद CHESS GAME TRAINING SCHOOL में भेजना शुरू किया।

 

इंटरनेट द्वारा मिली सूचना के मुताबिक D GUKESH ने अपने स्कूल में पढ़ने वाले और GRANDMASTER PRAGGNANANDHAA को देखकर ही CHESS GAME खेलना शुरु किया था उस समय GRANDMASTER PRAGGNANANDHAA UNDER 10 CHAMPION थे। PRAGGNANANDHAA की तरह ही GUKESH ने छोटी उम्र में ही यह तय कर लिया था की अब सतरंज ही उनकी जिंदगी है इसी कारण इन्होने 4TH कक्षा के बाद स्कूल जाना भी बंद कर दिया था और पूरी तरह CHESS GAME पर अपना ध्यान केंद्रित किया GUKESH के इस सपने के लिए उनके माता पिता ने अपना सब कुछ इसमें झोंक दिया।

D Gukesh Grandmaster

एक वजह ये भी थी की GUKESH शतरंज के फैन हुए और उनके पिता काम के व्यस्त रहते तो GUKESH CHESS GAME में अपना सारा समय बिताते और पिता ने भी उनको काफी प्रोत्साहित किया और ऐसे ही GUKESH का झुकाव CHESS GAME की तरफ बढ़ता गया और इनके कोच के GUKESH की प्रतिभा को पहचाना और इनके माता पिता को खास ट्रेनिंग देने के लिए प्रोत्साहित किया ऐसे में GUKESH को माता पिता और स्कूल दोनों का साथ मिल रहा था और धीरे धीरे GUKESH CHESS GAME TOURNAMENT में जीत हासिल करते गए।

 GUKESH के इस सफर में उनके पिता ने भी पूरी मेहनत की, पिता हर CHESS TOURNAMENT में GUKESH के साथ जाते थे वो महीने के 15 दिन सफर करते और बाकी के 15 दिन सर्जरी करते लेकिन इसका असर GUKESH के CARRIER पर भी पड़ा लेकिन इनके पिता बेटे के सपने के लिए सब कुछ करने के लिए तैयार खड़े थे। 

  • वर्ष 2015 में GUKESH ने CHESS GAME में NATIONAL SCHOOL CHAMPIONSHIP को अपने नाम किया।
  • वर्ष 2016 में COMMONWEALTH CHAMPIONSHIP में GOLD MEDAL हासिल किया।
  • SPAIN में आयोजित UNDER 12 WORLD CHAMPIONSHIP को जीता और 2019 में सबसे काम उम्र के भारतीय GRANDMASTER बन गए दुनिया में वह तीसरे सबसे कम उम्र के GRANDMASTER थे।
  • 2021 में european chess championship को जीता इसके बाद 2021 का norwegian chess grandmaster का खिताब जीता।
  • साल 2022 में स्पेन में आयोजित MONARCA OPEN जीत हासिल की।
  • 2023 में NORWAY GAMES का टाइटल भी GUKESH अपने नाम कर चुके थे।

D Gukesh in hindi

D GUKESH के युवा कोच GRANDMASTER PRAGGNANANDHAA बताते है बचपन से ही इनका जीवन ऐसा रहा है वो जो कुछ भी करता है एक ही लक्ष्य के साथ करता है जो की था WORLD चैंपियन बनना। INDIAN EXPRESS से बातचीत के दौरान उनके कोच  PRAGGNANANDHAA ने कहा की GUKESH अपनी 11 साल की उम्र में भी अपने उम्र के अन्य लोगो की तुलना में CHESS GAME को लेकर ज्यादा गंभीर था मुझे तभी लगा था की ये लड़का सचमुच कुछ बनना चाहता है इसमें शुरू से ही चैस को लेकर बहुत ज्यादा क्रेज था इक्छाये काफी ज्यादा थी वो किसी और चीज़ के बारे में नहीं सोचेगा बस एक लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित किया यह एक तरह का जूनून है मैंने जितने भी बच्चो के साथ काम किया है उनमे से किसी ने भी वो नहीं दिखाया जो D GUKESH में दिखा।

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खेल के प्रति जूनून और नंबर 1 होने का जूनून कोच ने बताया की D GUKESH के माता पिता ने भी बोहोत त्याग किया और माता पिता ने अपना कर्रिएर लगभग छोड़ दिया उनकी माँ परिवार का खर्चा उठा रही थी।

D Gukesh Grandmaster number in India

हलाकि सफलताओ के साथ D GUKESH को काफी बार निराश भी होना पड़ा लेकिन इनको अपनी हार को मजबूती और सीख के तौर पर देखा। सबसे बड़ा उदहारण इसका यह है WORLD CHAMPIONSHIP के पहले CHESS GAME में D GUKESH हार गए थे। इनकी शुरुवात ख़राब थी इन्हे एक और झटका तब लगा जब वह गेम 11 में बढ़त लेने के तुरंत बाद हार गए। D GUKESH से इसके लिए पुछा गया तो उन्होंने कहा में लड़ाई के लिए तैयार था इस CHAMPIONSHIP के दौरान उन्होंने 2 बार DRAW के लिए मना किया वो भी ऐसी स्तिथि में जब LIREN के पास बढ़त थी और GUKESH को कम आँका लेकिन इन्होने शाबित कर दिया की धैर्य और समझ से अपना गेम प्लान किया था।

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CHESS CHAMPIONSHIP की शुरुवात वर्ष 1886 में हुई थी और तब से लेकर अब तक 17 खिलाडी WORLD CHAMPION बन चुके है। जिनके नाम निचे दिए गए है।


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