जानिए क्यों मनाया जाता है Bihar Diwas? इसके इतिहास, महत्व और बिहार से जुड़े रोचक तथ्य यहां पढ़ें।
Bihar Diwas कब मनाया जाता है?
Bihar Diwas हर
साल
22 मार्च को
पूरे
राज्य
में
धूमधाम
से
मनाया
जाता
है।
इस
दिन
बिहार
को
बंगाल
से
अलग
कर
एक
स्वतंत्र राज्य
के
रूप
में
स्थापित किया
गया
था।
यह
दिन
बिहार
के
गौरवशाली इतिहास और
संस्कृति को
समर्पित है।
Bihar Diwas का इतिहास
- 22 मार्च 1912
को ब्रिटिश सरकार ने बंगाल से बिहार को अलग कर एक नया राज्य बनाया।
- पहले बिहार, बंगाल और उड़ीसा एक ही प्रांत के रूप में जाने जाते थे।
- 1936 में उड़ीसा को भी बिहार से अलग कर दिया गया।
- 2000 में झारखंड को बिहार से अलग कर एक नया राज्य बनाया गया।
बिहार के गठन की महत्वपूर्ण तिथियाँ:
वर्ष |
महत्वपूर्ण घटना |
1912 |
बिहार बंगाल से अलग हुआ |
1936 |
उड़ीसा बिहार से अलग हुआ |
2000 |
झारखंड बिहार से अलग हुआ |
बिहार का नाम कैसे पड़ा?
बिहार शब्द की
उत्पत्ति 'विहार' शब्द से
हुई
है,
जिसका
अर्थ
घूमने का स्थान होता
है।
बौद्ध
और
जैन
धर्म
के
अनुयायी बिहार
में
ध्यान
और
प्रवास
करते
थे,
इसलिए
इसे
बिहार
कहा
जाने
लगा।
Bihar Diwas का महत्व
बिहार दिवस केवल
एक
राज्य
उत्सव
नहीं
है,
बल्कि
यह
बिहार
की
समृद्ध
संस्कृति, परंपरा और ऐतिहासिक धरोहर का
प्रतीक
है।
इस
दिन
को
मनाने
का
उद्देश्य है:
- बिहार की महान
विरासत को याद करना।
- लोगों में राज्य
के प्रति गर्व की भावना पैदा करना।
- शिक्षा, कला, संस्कृति और विकास को बढ़ावा देना।
- युवाओं को बिहार के गौरवशाली इतिहास से अवगत कराना।
Bihar Diwas के
अवसर
पर
पूरे
राज्य
में
कई
कार्यक्रम आयोजित
किए
जाते
हैं।
प्रमुख आयोजन:
- स्कूल
और कॉलेजों में सांस्कृतिक कार्यक्रम।
- रैली
और सेमिनार का आयोजन।
- लोक
कलाकारों द्वारा पारंपरिक नृत्य और गीत प्रस्तुतियां।
- बिहार
के इतिहास पर प्रदर्शनी और भाषण प्रतियोगिता।
- सरकारी
इमारतों और मुख्य स्थानों को सजाया जाता है।
बिहार के गौरवशाली व्यक्ति
बिहार
ने
भारत
को
कई
महान नेता, विद्वान और योद्धा दिए
हैं।
इनमें
से
कुछ
प्रमुख
नाम
हैं:
- डॉ.
राजेंद्र प्रसाद – भारत के पहले राष्ट्रपति।
- गौतम
बुद्ध – बौद्ध धर्म के संस्थापक।
- महावीर
स्वामी – जैन धर्म के प्रवर्तक।
- चाणक्य
– महान राजनीतिज्ञ और अर्थशास्त्री।
- दशरथ मांझी – ‘माउंटेन मैन’ जिन्होंने पहाड़ काटकर रास्ता बनाया।
- जयप्रकाश नारायण – संपूर्ण क्रांति के जनक।
बिहार के प्रमुख पर्यटन स्थल
बिहार
ऐतिहासिक और
संस्कृतिक धरोहरों से
समृद्ध
है।
कुछ
प्रमुख
पर्यटन स्थल हैं:
स्थान |
विशेषता |
बोधगया |
गौतम बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ |
नालंदा विश्वविद्यालय |
प्राचीन विश्व प्रसिद्ध शिक्षण केंद्र |
राजगीर |
बौद्ध और जैन धर्म का प्रमुख स्थल |
पावापुरी |
महावीर स्वामी का निर्वाण स्थल |
वैशाली |
पहला गणराज्य, बुद्ध और महावीर से जुड़ा |
सासाराम |
शेरशाह सूरी का मकबरा |
बिहार की प्रमुख विशेषताएँ
- भारत
की पहली गणराज्य व्यवस्था (वैशाली)।
- बिहार
को आईएएस और आईपीएस फैक्ट्री कहा जाता है।
- भारत
के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद यहीं से थे।
- चंपारण आंदोलन की शुरुआत यहीं से हुई थी।
- भारत की सबसे लंबी नदी गंगा बिहार से होकर गुजरती है।
निष्कर्ष
Bihar Diwas एक
ऐतिहासिक और
गौरवशाली अवसर
है
जो
बिहार
की
संस्कृति, इतिहास और उपलब्धियों का
जश्न
मनाने
का
दिन
है।
हमें
इस
दिन
को
सम्मान और गर्व के
साथ
मनाना
चाहिए
और
बिहार
के
विकास में योगदान देना
चाहिए।
बिहार से जुड़े महत्वपूर्ण सवाल-जवाब (FAQ)
Q1. बिहार का पुराना नाम क्या था?
- मगध और पाटलिपुत्र।
Q2. बिहार में कितने राष्ट्रीय उद्यान हैं?
- 1 (वाल्मीकि टाइगर रिजर्व), और कैमूर को दूसरा प्रस्तावित किया गया है।
Q3. बिहार दिवस पर कौन सा गाना गाया जाता है?
"मेरे भारत के कंठहार" और "मेरा देश बदल रहा है" और "वो अपना बिहार है" जैसे गाने लोकप्रिय हैं।