Mithilesh Kumar Srivastava Biography यानी नटवरलाल की कहानी किसी फिल्मी स्क्रिप्ट से कम नहीं है। बिहार के सिवान जिले के जीरादेई गांव से आने वाले नटवरलाल ने जो कारनामे किए, वे आज भी लोगों को हैरान कर देते हैं।
Mithilesh Kumar Srivastava Biography
नटवरलाल का जन्म और शुरुआती जीवन
Mithilesh Kumar Srivastava
Documentary: नटवरलाल का असली
नाम
मिथिलेश कुमार श्रीवास्तव था।
उनके
पिता
का
नाम
रघुनाथ प्रसाद श्रीवास्तव था,
जो
रेलवे
में
कर्मचारी थे।
उनका
जन्म
सिवान
जिले
के
जीरादेई गांव
में
हुआ।
नटवरलाल ने
अपनी
प्रारंभिक शिक्षा
भी
इसी
गांव
से
प्राप्त की
थी।
गांव
में
आज
भी
लोग
उन्हें
मिस्टर नटवरलाल या
मिथिलेश बाबू कहकर
सम्मान
से
याद
करते
हैं।
🟢 Pranjal Dahiya Biography in Hindi | प्रांजल दहिया की जीवनी
गांव
के
लोग
बताते
हैं
कि
जब
वह
आखिरी
बार
गांव
आया,
तो
तीन
गाड़ियों के
काफिले
के
साथ
आया
था।
पूरे
गांव
के
लिए
उसने
खाना
बनवाया
और
जाते-जाते हर व्यक्ति को
₹100 बांटे।
गांववाले मानते
हैं
कि
उसने
अपने
गांव
के
लिए
बहुत
कुछ
किया,
इसलिए
वह
आज
भी
सम्मानित है।
नटवरलाल के कारनामों की शुरुआत
Mithilesh Kumar Srivastava
Biography: नटवरलाल बचपन
से
ही
चालाक
था।
स्कूल
के
दिनों
में
ही
उसने
सिग्नेचर कॉपी
करने
में
महारत
हासिल
कर
ली
थी।
एक
बार
एक
पड़ोसी
ने
बैंक
ड्राफ्ट बैंक
में
जमा
करने
को
दिया,
और
नटवरलाल ने
उनके
सिग्नेचर कॉपी
करके
हजारों
रुपये
निकाल
लिए।
पकड़े
जाने
पर
पिताजी
ने
उसे
डांटा
और
तब
नटवरलाल गुस्से
में
घर
छोड़कर
कलकत्ता भाग
गया।
कलकत्ता में
उसने
एक
सेट
के
घर
में
नौकरी
की,
उनकी
बेटी
को
ट्यूशन
पढ़ाया
और
साथ
ही
लॉ
की
पढ़ाई
भी
शुरू
की।
जब
फीस
के
लिए
पैसे
मांगे
और
सेट
ने
मना
किया,
तो
उसने
सेट
को
कॉटन
के
बिजनेस
में
धोखा
देकर
₹4.5 लाख
की
ठगी
की
और
वहां
से
फरार
हो
गया।
नटवरलाल की सबसे मशहूर ठगियां
Mithilesh Kumar Srivastava
Biography: नटवरलाल ने
ठगी
के
क्षेत्र में
ऐसा
नाम
कमाया
कि
उसने
संसद
भवन,
राष्ट्रपति भवन,
ताजमहल
(तीन
बार)
और
लाल
किला
(दो
बार)
जैसे
ऐतिहासिक स्थलों
को
भी
बेच
दिया!
वह
नकली
डिमांड
ड्राफ्ट, फर्जी
दस्तावेज और
अद्भुत
आत्मविश्वास से
लोगों
को
ठगता
था।
Natwarlal Biography in Hindi: एक बार उसने नारायण दत्त तिवारी के निजी सचिव बनकर एक घड़ी की दुकान से 90 महंगी घड़ियां मंगवाईं और ड्राफ्ट देकर फरार हो गया। ड्राफ्ट फर्जी था, और घड़ियों की कीमत लाखों में थी।
अदालत और जेल में भी कारनामे
जब नटवरलाल कानपुर जेल में था, उस वक्त उसकी उम्र 84 वर्ष थी। वह व्हीलचेयर पर चलता था और चलने-फिरने में असमर्थ था। उसे दिल्ली के एम्स में इलाज के लिए ले जाया गया। तीन पुलिसवालों की निगरानी में जब वह दिल्ली रेलवे स्टेशन पहुंचा, तो तीनों पुलिसवाले बारी-बारी से अलग हो गए और नटवरलाल एक बार फिर चकमा देकर भाग निकला। Natwarlal Ki Kahani Hindi Mein
एक बार कानपुर की अदालत में जज ने उससे पूछा कि तुम इतनी ठगी कैसे कर लेते हो? नटवरलाल ने जवाब में जज से ₹1 का सिक्का मांगा और अपने जेब में डालते हुए कहा – "बस ऐसे ही लोग अपना पैसा मुझे दे देते हैं।"
जेल में पत्र और जुताई का किस्सा - Natwarlal ki Kahani
जेल में रहते हुए उसकी पत्नी उसे बार-बार खत लिखती थी लेकिन वह जवाब नहीं देता था। एक दिन जब जेलर खुद खत लेकर पहुंचे, तो नटवरलाल ने जवाब में ऐसा पत्र लिखा कि पूरा प्रशासन चौंक गया। उसने लिखा कि खेत में सोने के गहने दबे हैं। यह पढ़कर पुलिस तुरंत खेत की खुदाई में लग गई, लेकिन कुछ नहीं मिला। 15 दिन बाद नटवरलाल ने जेलर को धन्यवाद दिया कि उनके कारण खेत की जुताई हो गई और फसल अच्छी होगी।
नटवरलाल के खिलाफ दर्ज मामले और सजा
नटवरलाल पर 125 से अधिक मामले दर्ज थे, जिनमें से सिर्फ कुछ का फैसला आया। उसे कुल 113 साल की सजा सुनाई गई थी लेकिन वह सिर्फ 20 साल ही जेल में रहा। उसे कुल 9 बार गिरफ्तार किया गया लेकिन 8 बार वह पुलिस को चकमा देकर भाग गया।
नटवरलाल की मौत का रहस्य
Mithilesh Kumar Srivastava Biography: साल 2009 में उसके वकील ने अदालत को बताया कि नटवरलाल की मौत हो चुकी है, इसलिए केस बंद किए जाएं। लेकिन उसकी मौत को लेकर कोई ठोस सबूत नहीं मिला। गांव के लोग और परिवारवाले मानते हैं कि उसकी मौत 1995 में ही हो चुकी थी और रांची में उसका अंतिम संस्कार किया गया।
नटवरलाल की अनोखी प्रतिभा
- सिग्नेचर
कॉपी करने में निपुण
- अंग्रेजी
में धाराप्रवाह
- अद्भुत
आत्मविश्वास
- फर्जी दस्तावेज बनवाने में माहिर
- सिर्फ दिमाग से ठगी – कभी किसी पर हाथ नहीं उठाया
नटवरलाल से जुड़े प्रमुख तथ्य – एक नजर में
जानकारी |
विवरण |
असली नाम |
मिथिलेश कुमार श्रीवास्तव |
प्रसिद्ध नाम |
नटवरलाल |
जन्म स्थान |
जीरादेई, सिवान, बिहार |
पिता का नाम |
रघुनाथ प्रसाद श्रीवास्तव |
पेशा |
ठग /
जालसाज |
कुल मुकदमे |
125+ |
कुल ठगी |
₹10
करोड़ से अधिक (अनुमानित) |
कुल गिरफ्तारी |
9 बार |
भागने की घटनाएं |
8 बार |
अंतिम बार देखा गया |
1995 – दिल्ली रेलवे स्टेशन |
मृत्यु |
विवादित –
कुछ रिपोर्ट्स 1995 में मृत्यु |
निष्कर्ष
Mithilesh Kumar Srivastava Biography यानि नटवरलाल की कहानी भारतीय इतिहास की सबसे चौंकाने वाली और रोमांचक कहानियों में से एक है। उसने कभी किसी को मारा नहीं, लेकिन हजारों लोगों को अपने शब्दों, दस्तावेजों और दिमागी चाल से लूटा। भारत के इतिहास में शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति होगा जिसने इतनी बड़ी ठगी की हो और फिर भी लोगों के दिलों में एक रहस्यमयी किंवदंती की तरह बस गया हो।
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