History of Chewing Gum in HIndi

History of Chewing Gum: चूइंगम तो हम सभी ने कभी कभी खायी है लेकिन क्या आपको पता है चूइंगम का आविष्कार किसने और कैसे किया आज मै आपको बताने वाला हु चूइंगम के आविष्कार के पीछे की कहानी आपके साथ मैं हु अजीत ठाकुर स्वागत है आपका GYAN WORLD में चलिए जानते है चूइंगम के आविष्कार की कहानी हिंदी भाषा में

History of Chewing Gum in HIndi


History of Chewing Gum

21 साल के जॉन बी कर्टिस को बहुत स्ट्रगल करने के बाद नौकरी मिल ही गयी थी इनका काम था रास्तो में उग रही झाड़ियों को काटना और सफ़ाई करना कर्टिस ने अपने बाकि साथियों की तरह स्प्रूस नामक पेड़ों से गिरने वाले रस जिसे सहद या गम कहा जाता था उसे चबाना शुरु कर दिया था

स्प्रूस नामक पेड़ों से गिरने वाला ये पदार्थ चबाने में अच्छा तो लगता था लेकिन उसमे बस एक खराबी थी ये गम जल्दी ही अपना नाजुकपन खो देता था और शख्त हो जाता था और ऐसे में उसे चबाने का मज़ा भी खत्म हो जाता था

जॉन से इसे लचीला और नाज़ुक बनाने के लिए इसे अपने घर के स्टोव पर पकाना शुरू कर दिया अपने प्रयोग से मिली सफलता से उत्साहित हुए जॉन ने इस गम में अलग अलग तरह के स्वादों का मिश्रण मिलाने का काम शुरू कर दिया जिस से ये गम खाने में अच्छा और स्वादिस्ट लगे जॉन के दोनों प्रयोग सफल रहे जॉन के द्वारा बनाया गया गम खाने में अलग अलग स्वाद का था साथ ही खुशबूदार भी था और चबाने पर ज्यादा देर तक चलता था

John B Curtis Chewing Gum

John B Curtis Chewing Gum

अब जॉन ने अपने इस गम को बेचने का मन बनाया जॉन ने अपने झाड़ियो के काटने को काम को छोड़ दिया और अपना पूरा ध्यान और शक्ति स्टेट ऑफ़ मैन स्प्रूस गम पर लगा दिया जॉन के द्वारा बनाया गया ये गम छोटे छोटे टुकड़ों के रूप में होता था जो मोम के बने कागज़ में लिपटा होता था

जल्दी इस जॉन के इस उत्पाद को सफलता मिल गयी पहले अपने झारिया काटने वाले काम से जॉन को हर सप्ताह 5 डॉलर मिलते थे वही अब जॉन हज़ारों डॉलर कमाने लगा था अपने इस बिज़नस से जॉन ने पहले ही साल में लगभग 5000 डॉलर कमाए वो भी सिर्फ प्रॉफिट के रूप में और इस तरह चूइंगम पूरी दुनिया में मशहूर हो गया

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