Manmohan Singh Death: भारत के आर्थिक सुधारों के आर्किटेक्ट का जीवन और योगदान

Manmohan Singh Death: 92 साल की उम्र में भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और प्रख्यात अर्थशास्त्री डॉ. मनमोहन सिंह का निधन हो गया। भारतीय राजनीति और आर्थिक सुधारों में उनका योगदान अमूल्य और अद्वितीय रहा है। 1991 में भारत को आर्थिक उदारीकरण की दिशा में ले जाने वाले डॉ. मनमोहन सिंह ने देश को गंभीर आर्थिक संकट से उबारा और एक नई आर्थिक दिशा दी। उनके नेतृत्व में देश ने कई मील के पत्थर हासिल किए।

Manmohan Singh Death: भारत के आर्थिक सुधारों के आर्किटेक्ट का जीवन और योगदान

Manmohan-Singh-Death

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

Manmohan Singh Biography: डॉ. मनमोहन सिंह का जन्म 26 सितंबर 1932 को अविभाजित भारत के पंजाब (अब पाकिस्तान में) में हुआ। 1947 में विभाजन के बाद उनका परिवार भारत आ गया। उनका शिक्षा के प्रति झुकाव बचपन से ही स्पष्ट था उन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय से शुरुआती पढ़ाई की और आगे कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से स्नातक और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की। Mehandipur Balaji Story in Hindi

शिक्षण और प्रशासनिक सफर

अपने करियर की शुरुआत उन्होंने शिक्षक के रूप में की उन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय, दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स और दिल्ली विश्वविद्यालय में पढ़ाया। इसके बाद वे प्रशासनिक सेवाओं में आए और 1972 से 1976 तक भारत सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार रहे। 1982 से 1985 तक वे भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर और 1985 से 1987 तक योजना आयोग के उपाध्यक्ष के रूप में कार्यरत रहे।

भारतीय अर्थव्यवस्था को नई दिशा

1991 का दौर भारत के लिए आर्थिक संकट का समय था इस कठिन घड़ी में तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव ने उन्हें वित्त मंत्री बनाया। डॉ. मनमोहन सिंह ने अपने साहसिक निर्णयों से भारत की अर्थव्यवस्था को उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण की राह पर आगे बढ़ाया। उनके इन सुधारों ने न केवल संकट से उबारा बल्कि भारत को वैश्विक आर्थिक मंच पर भी स्थापित किया। उनके इस योगदान के लिए उन्हें 1993 और 1994 में 'फाइनेंस मिनिस्टर ऑफ द ईयर' का सम्मान मिला। D Gukesh biography in hindi

प्रधानमंत्री के रूप में योगदान

2004 में डॉ. मनमोहन सिंह भारत के 13वें प्रधानमंत्री बने और 2014 तक इस पद पर रहे। वे भारत के पहले सिख प्रधानमंत्री थे। उनके नेतृत्व में भारत ने आर्थिक विकास की नई ऊंचाइयों को छुआ। उनके कार्यकाल में सूचना प्रौद्योगिकी, शिक्षा और आधारभूत संरचना में बड़े सुधार हुए। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी उन्होंने भारत की छवि को मजबूत किया।

सम्मान और उपलब्धियां

1987 में उन्हें 'पद्म विभूषण' से सम्मानित किया गया। उनके योगदानों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सराहा गया। उन्हें सऊदी अरब का 'ऑर्डर ऑफ किंग अब्दुलअजीज' और जापान का 'ग्रैंड कॉर्डन ऑफ द ऑर्डर ऑफ द पॉलोनिया फ्लावर्स' जैसे प्रतिष्ठित सम्मान मिले।

सादगी और ईमानदारी की मिसाल

डॉ. मनमोहन सिंह का जीवन सादगी और ईमानदारी का प्रतीक रहा। उनकी नीतियां और निर्णय हमेशा देशहित को प्राथमिकता देते थे। उनका निधन न केवल भारत के लिए बल्कि पूरे विश्व के लिए एक बड़ी क्षति है। उन्होंने एक ऐसे भारत की नींव रखी जो न केवल आर्थिक रूप से मजबूत है बल्कि सामाजिक और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी पहचान रखता है।

डॉ. मनमोहन सिंह का जीवन प्रेरणा का स्रोत है। वे हमेशा याद किए जाएंगे।


LIVE TWITTER TRENDING UPDATES













Post a Comment (0)
Previous Post Next Post